Chaurchan 2025 Shubh Muhurat: भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के अवसर पर मनाया जाने वाला चौरचन पर्व मंगलवार को पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ आज 26 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा. खासतौर पर मिथिलांचल क्षेत्र में इस दिन गणेश चौठ के अवसर पर चंद्रमा की पूजा करने की परंपरा है. आज के दिन शाम 6:25 से 7:55 बजे तक चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त रहेगा. परंपरा के अनुसार, व्रतीजन और महिलाएं नए बर्तन में जमाया हुआ दही, विभिन्न फल और पकवान लेकर चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करेंगी. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन दही और फल लेकर चंद्रमा के दर्शन करने से व्यक्ति को कभी भी मिथ्या कलंक नहीं लगता और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
चौरचन का शुभ मुहूर्त क्या है
आज 26 अगस्त की शाम 6:25 बजे से 7:55 बजे तक चंद्रमा के दर्शन का शुभ मुहूर्त रहेगा. इस दौरान महिलाएं और व्रतीजन नए बर्तन में जमाया हुआ दही, फल और पकवान लेकर चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करेंगे. धार्मिक मान्यता है कि दही और फल चढ़ाकर चंद्रमा का दर्शन करने से व्यक्ति पर कभी भी मिथ्या कलंक नहीं लगता.
पूजा की विधि
चौरचन पर्व के दिन व्रती दिनभर निर्जला या फलाहार रहकर संध्या समय पश्चिममुख होकर पूजा करती हैं. पूजा की शुरुआत गणपति और पंचदेव से होती है, इसके बाद गौरी माता और अंत में रोहिणी के साथ चंद्रमा की आराधना की जाती है. विधवा स्त्रियां और पुरुष इस समय भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. पूजा में श्वेत वस्त्र और श्वेत पुष्प का विशेष महत्व है. पूजा के बाद व्रती हाथ में नैवेद्य लेकर मंत्रोच्चार के साथ चंद्रमा का दर्शन करती हैं.
विशेष मान्यता
मिथिला में यह पर्व छठ और दुर्गोत्सव के बाद सबसे लोकप्रिय व्रत माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से परिवार में शांति, समृद्धि आती है और दोषों का निवारण होता है. यही कारण है कि चाहे घर में पूजा हो या न हो, लोग फल लेकर चंद्रमा को नमन करना कभी नहीं भूलते.