Success Story: गौतमबुद्ध नगर को पहली बार महिला जिलाधिकारी मिली हैं. तेजतर्रार और काबिल IAS ऑफिसर मेधा रूपम को नोएडा का नया डीएम बनाया गया है. इससे पहले यहां कार्यरत मनीष कुमार वर्मा का तबादला प्रयागराज कर दिया गया है. मेधा रूपम पहले कासगंज की डीएम रह चुकी हैं और ग्रेटर नोएडा की अतिरिक्त सीईओ भी रही हैं.
शिक्षा और शुरुआती जीवन
मेधा रूपम का जन्म 21 अक्टूबर को आगरा में हुआ. कुछ वर्षों तक आगरा में पढ़ाई के बाद पिता के ट्रांसफर के कारण उन्होंने केरल में शिक्षा प्राप्त की. वे नेवल पब्लिक स्कूल, एर्नाकुलम और सेंट थॉमस स्कूल, तिरुवनंतपुरम की छात्रा रहीं. आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल की.
शूटिंग चैंपियन से प्रशासनिक सेवा तक
स्कूल के दिनों से ही मेधा को शूटिंग का शौक था. वर्ष 2008 में, जब वे 12वीं कक्षा में थीं, उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्टेट रिकॉर्ड तोड़ दिया. केरल स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में उन्होंने तीन स्वर्ण पदक भी जीते. हालांकि खेलों में शानदार सफलता मिली, लेकिन उनके दिल में प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा हमेशा बनी रही.
परिवार से मिली प्रेरणा
मेधा के पिता, ज्ञानेश कुमार गुप्ता, 1988 बैच के IAS अधिकारी रहे हैं और वर्तमान में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं. पिता से मिली प्रेरणा ने ही मेधा को UPSC की कठिन राह चुनने के लिए तैयार किया. वर्ष 2013 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की और ऑल इंडिया 10वीं रैंक हासिल कर यूपी कैडर की अधिकारी बनीं.
निजी जीवन
प्रशासनिक ट्रेनिंग के दौरान मेधा की मुलाकात आईएएस अधिकारी मनीष बंसल से हुई. बाद में दोनों ने विवाह किया और आज उनके दो बच्चे हैं.
मेधा रूपम का यह सफर बताता है कि जुनून, अनुशासन और सही मार्गदर्शन के साथ कोई भी सपना साकार किया जा सकता है. खेल के मैदान से प्रशासनिक व्यवस्था तक पहुंची यह कहानी युवाओं को नई दिशा देने वाली है.