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Dream11 Revenue Loss: नए कानून से ड्रीम11 की 95% तक घट गई कमाई, कंपनी नहीं करेगी कर्मचारियों की छंटनी

Dream11 Revenue Loss: नए ऑनलाइन गेमिंग कानून से ड्रीम11 की मूल कंपनी ड्रीम स्पोर्ट्स के राजस्व में 95% तक गिरावट आई है. इसके बावजूद कंपनी ने कर्मचारियों की छंटनी से इनकार किया है और फैनकोड, ड्रीमसेटगो, ड्रीम गेम स्टूडियोज और ड्रीम मनी के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने की घोषणा की है. वहीं, सरकार ने ऑनलाइन रियल मनी गेम को सामाजिक और स्वास्थ्य समस्या बताते हुए ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को प्रोत्साहन देने के लिए नियामक प्राधिकरण बनाने की योजना बनाई है.

Dream11 Revenue Loss: भारत में लागू किए गए नए ऑनलाइन गेमिंग कानून ने ड्रीम11 जैसी कंपनियों के कारोबार पर गहरा असर डाला है. ड्रीम11 की मूल कंपनी ड्रीम स्पोर्ट्स ने खुलासा किया है कि इस कानून के कारण उनके राजस्व में लगभग 95% की कमी आई है. इसके बावजूद कंपनी ने यह साफ कर दिया है कि वह अपने कर्मचारियों की छंटनी नहीं करेगी.

कानून का पालन करती रहेगी कंपनी

ड्रीम स्पोर्ट्स ने एक बयान में कहा कि ड्रीम11 हमेशा से कानून का अक्षरशः पालन करती आई है और भविष्य में भी ऐसा ही करती रहेगी. कंपनी ने माना कि इस बदलाव से उनकी वित्तीय स्थिति पर गंभीर असर पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद वह भारतीय खेल उद्योग में अपनी भूमिका को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.

कंपनी का दूसरे सेगमेंट पर फोकस

राजस्व में भारी गिरावट के बावजूद कंपनी ने अपनी दूसरी इकाइयों पर ध्यान केंद्रित करने की घोषणा की है. ड्रीम स्पोर्ट्स ने कहा कि वह अब फैनकोड, ड्रीमसेटगो, ड्रीम गेम स्टूडियोज और ड्रीम मनी जैसी सहायक कंपनियों का विस्तार करेगी. कंपनी का मानना है कि एआई और क्रिएटर इकोनॉमी के सहारे भारत में खेल उद्योग के लिए नए अवसर बनाए जा सकते हैं.

कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित

ड्रीम स्पोर्ट्स ने यह भी भरोसा दिलाया कि इस कठिन समय में भी कर्मचारियों की नौकरियों पर कोई खतरा नहीं है. कंपनी ने स्पष्ट किया कि वह एक प्रतिभा-प्रधान संगठन है और उसकी ताकत उसके लोग हैं. कारोबार को संभालने और आगे बढ़ाने के लिए कर्मचारियों का सामूहिक प्रयास ही कंपनी की सफलता की कुंजी माना जा रहा है.

क्रिकेट स्पॉन्सरशिप से पीछे हटी कंपनी

ड्रीम11 अब भारतीय क्रिकेट टीम की मुख्य प्रायोजक भी नहीं है. भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस पद के लिए एक नए प्रायोजक की तलाश शुरू कर दी है. यह कदम कंपनी के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि क्रिकेट स्पॉन्सरशिप ने ड्रीम11 की ब्रांड वैल्यू को काफी बढ़ाया था.

ऑनलाइन रियल मनी गेम बड़ी समस्या

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पीटीआई भाषा से बात करते हुए ऑनलाइन रियल मनी गेम को एक गंभीर सामाजिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बताया है. उनका कहना है कि ऐसे गेम समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं. सरकार का मकसद केवल ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देना है, न कि रियल मनी आधारित ऑनलाइन गेम्स को.

ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को प्रोत्साहन

आईटी सचिव एस कृष्णन ने हाल ही में कहा था कि प्रस्तावित नियम ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग के प्रचार और नियमन के लिए एक रूपरेखा प्रदान करेंगे. इसके साथ ही, कानून में प्रस्तावित नियामक प्राधिकरण का गठन भी किया जाएगा. सरकार चाहती है कि भारत गेम निर्माण का वैश्विक केंद्र बने और इसके लिए नीतिगत ढांचा तैयार किया जा रहा है.

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ड्रीम11 के सामने खड़ा हुआ वित्तीय संकट

नए कानून ने ड्रीम11 और उससे जुड़ी कंपनियों के लिए गंभीर वित्तीय संकट खड़ा कर दिया है. हालांकि, कंपनी ने यह साफ किया है कि वह अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ-साथ दूसरे व्यावसायिक इकाइयों पर ध्यान केंद्रित कर इस कठिन समय से उबरने की कोशिश करेगी. वहीं, सरकार का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को प्रोत्साहन देना है, ताकि भारत वैश्विक स्तर पर गेम डेवलपमेंट का हब बन सके.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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